14 अगस्त की रात को क्या हुआ था , 14 अगस्त की वो काली रात जानिए पूरा सच क्या था

Viral sam
0

 14 अगस्त की रात को क्या हुआ था , 14 अगस्त की वो काली रात जानिए पूरा सच क्या था 

 आज हम सामने लाने जा रहे चौदह August की रात का वो सच जिसे हर भारतीय जानना चाहेगा

.वो रात जिसने हिंदुस्तान का इतिहास भूगोल,भविष्य और सोच को बदल दिया.वो रात थी आज़ादी की रात.दिल्ली में चौदह August के शाम से ही ज़ोरदार बारिश हो रही थी.रात नौ बजते बजते राय सिन्हा Hills पर करीब पांच लाख लोगों का हुजूम जमा हुआ था.बारिश अब बिचारी थी.रात को करीब दस बजे सरदार पटेल जवाहरलाल नेहरूdoctor राजेंद्र प्रसाद और Mountbatten Viceroy House पहुँचे.चौदह August 1997 की रात बारह बजने में कुछ भी minute बाकी थे.तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दो लाइनें कहकर अपना प्रवचन शुरू कियाAt the stroke of the midnight hour, when the world sleeps, India will awake to life and freedom चंद ही मिनटों में बारह बजे और पंद्रह August का यह दिन भारत के लिए खुशियां लेकर आया.190 सालों बाद British हुकूमत से देश स्वतंत्र हुआ था

देश 2 टुकडो में कैसे बंटा 

सालार फुलमूवी ऑनलाइन >> Download Now

Salaar Full Movie डाउनलोड >> डाउनलोड करें

.लेकिन इन खुशियों के साथ उतना ही गम था क्योंकि भारत ने अपना तीन लाख छियालीस हज़ार सात सौ अड़तीस square kilometer का पूरा विस्तार और करीब आठ करोड़ पंद्रह लाख लोग एक ही रात में गमा  दिए थे.देश दो टुकड़ों में विभाजित हुआ था.हिन्दू और Pakistan.हिंदुस्तान यूं ही आज़ाद नहीं हुआ.पंद्रह August के बहुत पहले ही British हुकूमत का अंत शुरू हो गया था.महात्मा गांधी के जन आंदोलन से देश में नई क्रांति की शुरुआत हुई थी.तो एक और सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिन्दफौज ने अंग्रेज़ों का जीना दुशवार कर रखा था.ऊपर से दूसरे विश्व युद्ध के बाद British सरकार में उतना दम भी नहीं था कि वो हिंदुस्तान पर अब शासन चला सके.इसलिए Mountbatten को भारत का आखरी Viceroy बनाया गया था ताकि देश को आधिकारिक तरीके से स्वतंत्रता दी जा सके.

ऐसे बना था पाकिस्तान 

अंग्रेज़ों ने भारत को शुरुआत में तीन जून 1948 के दिन स्वतंत्र घोषित करने का निर्णय लिया था.लेकिन मोहम्मद अली जीना  ने Pakistan नामक अलग मुल्क बनाने की ठान ली थी.जिसके चलते देश में कई जगह पर सांप्रदायिक हिंसा शुरू हो गई बिगड़ती परिस्थितियों में अंग्रेज़ भारत को हो सकेइ तना जल्दी स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देना चाहते थे, क्योंकिअंग्रेज़ों को भी भारत को आखिरकार एक टुकड़े में नहीं लेकिन दो टुकड़े में विभाजित करना था.स्वतंत्रता के लिए दिन पंद्रह August ही क्यों चुना गया? तो इसमें ऐसा है कि सिर्फ हम भारतीय ही और अशुभ में नहीं मानते थे बल्कि अंग्रेज़ भी उतना ही मानते थे.Mountbatten मानता था कि पंद्रह August का दिन शुभ हैं क्योंकि पंद्रह August 1945 के दिन ही japan ने शरणागति स्वीकारी थी और इसके official sign दो september को हुए थे.इसलिए वेतन के अनुसार पंद्रह August का दिन मित्र राष्ट्रों के लिए शुभ था.

रात 12 बजे ही वक्त क्यों त्य हुआ 

तो फिर रात बारह बजे के वक्त को ही क्यों तय किया गया?तो इसके लिए भारतीय ज्योतिषियों का मानना था किवो वक्त देश की स्वतंत्रता के लिए शुभ है.तय किया गया था कि पंडित नेहरू को अपनी speech रात बारह बजे से पहले ही समाप्त कर देनी है और रात बारह बजे शंखनात के साथ भारतीय लोकतंत्र की शुरुआत होगी.ठीक वैसा ही हुआ.पंद्रह August की सुबह आठ बजकर तीस minute पर पंडित नेहरू और उनके Cabinet ने पद और गोपनीयता की शपथ ली.रात के लगातार बारिश के बाद सुबह आसमान बिल्कुल साफ़ था.लोग बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, आज़ाद भारत के तिरंगे को लहराते हुए अपनी आंखों से देखने का.देश के तिरंगे को सबसे पहले जवाहरलाल नेहरू ने रात को बारह बजे ही parliament center hall में लहराया था और दूसरी बार सुबह आठ बज कर तीस minute पर भव्य राष्ट्र दर्ज को जनता केसामने British राष्ट्र दर्ज को उतार कर लहराया गया.देशवासियों की आंखों में ख़ुशी की आंसू थे.आज़ादी के बाद पंद्रह August के दिन ही एक साथ अंग्रेज़ों ने देश को नहीं छोड़ा.आज़ाद भारत के कुछ आला RRB कुछ समय तक अंग्रेज़ ही रहे.पंद्रह सौ british सैनिकों की पहली team सत्रह August उन्नीस सौ सेंतालीस के दिन अपने देश रवाना हुई.तो आखिरी team सत्ताईस August उन्नीससौ अड़तालीस के दिन निकली

.दोस्तों ताज्जुब की बात यह कि लुटेरे अंग्रेज़ हमारे देश केअतिथि बनकर आए हो उस तरह से उन्हें विदा किया गया.

उनकी आखिरी फौज ने जब Mumbai के बंदरगाह से विदाई ली, तब George पंचम को विदाई देने वालागीत band बाजा के साथ बजाया गया.आज़ादी से एक सौ नब्बे साल पहले भी अमीरचंद और मीर जाफर ने Robert client का ऐसे ही सम्मान के साथ स्वागत किया था और फिर क्या हुआ? देशके इस स्वतंत्रता की कहानी को ज़्यादा से ज़्यादा share करने की आपकी ज़िम्मेदारी है.और इस Article  को हो सके इतने comment दीजिए और अगर आप नए हैं तोIncome Modes को Notify on करें और हमेशा खुश करें.

Tags-15 अगस्त क्यों मनाते है , 14 अगस्त को क्या हुआ था , 15 अगस्त को क्या हुआ था , 14 अगस्त की काली रात , 14 और 15 अगस्त को क्या हुआ था , independence day 

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)